Dil Kya Kare: गौरी की जान ख़तरे में! देवी माँ ने की बारिश, शैला माँ का प्लान हुआ फेल!
एपिसोड की शुरुआत एक तनावपूर्ण दृश्य से होती है, जहाँ गौरी एक घायल मयंक की देखभाल कर रही है। मयंक की हालत गंभीर है और उसे तेज़ बुखार है। गौरी परेशान होकर डॉक्टरों को फ़ोन करती है, लेकिन कोई भी बस्ती में आने को तैयार नहीं होता। सभी डॉक्टर व्यस्त होने का बहाना बनाकर मना कर देते हैं। गौरी को डर है कि अगर इलाज नहीं मिला तो मयंक की जान चली जाएगी। कोई और रास्ता न देखकर, वह खुद ही जड़ी-बूटियों से उसका इलाज करने की कोशिश करती है और उसके माथे पर ठंडे पानी की पट्टियां रखती है।
दूसरी ओर, एक आलीशान घर में, शैला माँ अपने एक साथी के साथ एक खतरनाक साज़िश रचती है। वह बताती है कि गौरी और उसके पति ईशान के बीच बड़ा झगड़ा हुआ है, जिसके बाद गौरी घर छोड़कर बस्ती में मयंक की देखभाल कर रही है। शैला माँ इसे एक सुनहरा मौका मानती है और अपने गुंडों को गौरी को रास्ते से हटाने का आदेश देती है ताकि वे बस्ती पर भी कब्ज़ा कर सकें।
तारा को एक बुरा सपना आता है जिसमें वह आग देखती है और चिल्लाकर उठ जाती है। उसे लगता है कि उसकी माँ गौरी किसी बड़ी मुसीबत में है। वह मंदिर जाकर देवी माँ से अपनी माँ की रक्षा के लिए प्रार्थना करती है और गुस्से में पूछती है कि वह अपनी भक्त को कष्ट में क्यों देख रही हैं।
उसी समय, शैला माँ के गुंडे बस्ती में पहुँचकर उस झोपड़ी में आग लगा देते हैं जहाँ गौरी और मयंक मौजूद होते हैं। आग तेज़ी से फैल जाती है और दोनों अंदर फंस जाते हैं। मयंक, अपनी चोटों के कारण, गौरी से अपनी जान बचाकर भागने के लिए कहता है, लेकिन गौरी उसे अकेले छोड़ने से इंकार कर देती है। जब बचने के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं, तभी अचानक तेज़ बारिश और बिजली कड़कने लगती है। देवी माँ के चमत्कार से आग बुझ जाती है, और गौरी और मयंक की जान बच जाती है। गुंडे नाकाम होकर शैला माँ को खबर देने चले जाते हैं, जो अपने प्लान के फेल होने पर आग-बबूला हो जाती है।
गौरी, बस्ती के लोगों की मदद से घायल मयंक को घर ले आती है, जिसे देखकर परिवार के सभी लोग, ख़ासकर ईशान, चौंक जाते हैं। ईशान इस बात पर बहुत गुस्सा होता है कि गौरी एक अनजान आदमी को घर क्यों ले आई। एपिसोड का अंत गौरी और ईशान के बीच एक टकराव के साथ होता है, जहाँ गौरी एक डॉक्टर के रूप में उसके कर्तव्य को याद दिलाती है।
- गौरी को मयंक के इलाज के लिए कोई डॉक्टर नहीं मिलता है और वह खुद ही उसकी देखभाल करने का फैसला करती है।
- शैला माँ, गौरी और ईशान के झगडे का फ़ायदा उठाकर उसे जान से मारने की साज़िश रचती है।
- गुंडे बस्ती में गौरी और मयंक की झोपड़ी में आग लगा देते हैं, जिससे दोनों की जान ख़तरे में पड़ जाती है।
- देवी माँ के चमत्कार से अचानक तेज़ बारिश होती है, जो आग को बुझा देती है और उनकी जान बचा लेती है।
- गौरी घायल मयंक को घर ले आती है, जिससे ईशान और शैला माँ के साथ एक नया टकराव शुरू हो जाता है।
- शैला माँ का गौरी को जान से मारने का षड्यंत्र सामने आता है।
- तारा को अपनी माँ पर आने वाले ख़तरे का पूर्वाभास हो जाता है।
- एक चमत्कारी बारिश गौरी और मयंक को आग से बचा लेती है, जिसे देवी माँ का हस्तक्षेप माना जाता है।
- ईशान, अपने गुस्से के बावजूद, एक डॉक्टर के रूप में अपने कर्तव्य का पालन करेगा और मयंक का इलाज शुरू करेगा।
- शैला माँ अपनी नाकामी से तिलमिलाकर गौरी और मयंक के ख़िलाफ़ कोई और भी ज़्यादा खतरनाक योजना बनाएगी।
- तारा की देवी माँ के साथ विशेष शक्ति और उसके सपने आने वाले एपिसोड में गौरी को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।